सबसे पहले तो आप सभी को स्वामी विवेकानंद जी के जन्म दिवस (राष्ट्रीय युवा दिवस) की शुभकामनाएं। जब नरेंद्र बाल्यकाल अवस्था में थे तब उन्होंने एक बार बताया कि जब वे ध्यान के लिए बैठते हैं तो उन्हें दोनों भौहों के बीच एक ज्योतिष पिंड सा दिखलाई पड़ता है और यही बात रात को सोते समय भी उनके साथ होती है किंतु नरेंद्र ने कभी इस बात पर भी ध्यान नहीं दिया था उन्हें लगता था कि सभी के साथ ऐसा ही होता है और यह बड़ी साधारण सी बात उन्हें कभी भी अपने अंदर विद्वान अलौकिक शक्ति का आभास नहीं हुआ। National youth day एकाग्रता और ध्यानमग्नता एक बार नरेंद्र अपने दोस्तों के साथ कमरे में ध्यान मग्न थे तभी उनमें से एक दोस्त ने आकर भयानक नाग को वहां देखा उसने चिल्लाकर दूसरे दोस्तों को बताया सभी दोस्त डर कर वहां से इधर-उधर भागने लगे मगर नरेंद्र उस जगह ध्यान मग्न बैठे रहे उन लोगों ने चीख चिल्लाकर नरेंद्र को नाग की बात बताई मगर नरेंद्र ने अपनी आंखें नहीं खोली वह ध्यान मग्न ही रहे। नाग नरेंद्र के सामने ही अपना...
स्वामी विवेकानंद जी का जन्म स्वामी विवेकानंद जी का प्रेरक प्रसंग स्वामी विवेकानंद के जन्म के संबंध में घटना प्रचलित है की एक रात भुवनेश्वरी देवी ने स्वप्न में देखा कि भगवान शंकर उनके सामने खड़े हैं वह अपने आराध्य देव को देखकर भावविभोर हो गई और उनकी भक्ति करने लगी देखते ही देखते शिवजी एक शिशु के रूप में बदल गए और भुवनेश्वरी देवी की गोद में बैठे उसके बाद भुवनेश्वरी देवी की नींद खुल गई। सपने के फल स्वरुप 12 जनवरी 1863 ई. को स्वामी विवेकानंद का जन्म हुआ। परिवार के सदस्यों की ओर से बालक के नाम का प्रस्ताव दुर्गादास आया है परन्तु माँ ने शिव का वरदान मान उसको वीरेश्वर नाम दिया संक्षिप्त के विले कहकर पुकारने लगे बाद में उनका नाम नरेंद्र रखा गया। नरेंद्र बाल काल में शरारती स्वभाव के थे इस कारण परिवार का प्यार दुलार था घर का कामकाज निपटा कर परिवार की सभी स्त्रियां एक जगह इकट्ठा हो जाती थी और धार्मिक विषय पर बातचीत करती रहती थी कभी रामायण का पाठ होता तो कभी महाभारत का ऐसे समय में शरारती नरेंद्र परिसर औरतों को छोड़कर चुपचाप वहां बैठ जाता और धार्मिक बातों को बड़े ध्यान से स...
Birth of swami vivekanand Swami vivekanand inspiration In connection with the birth of Swami Vivekananda, the incident is prevalent that one night Bhuvaneshwari Devi saw in a dream that Lord Shankar is standing in front of her.He became enchanted by seeing his deity and started devotion to him, seeing Shiva turned into an infant and sat in the lap of Bhuneshwari Devi, after that, the sleep of Bhuvaneshwari Devi opened as a result of the dream from 12 January 1863 AD Swami Vivekananda was born on behalf of the family members Durgadas has come up with a proposal for the name of the child, asking for Shiva's boon, calling him the merger of Vireshwar viley Brief Later, he was named Narendra. Narendra was of a mischievous nature during his childhood, due to this, the love of the family was cherished, all the women of the family used to gather at one place and talk about the religious subject, sometimes the Ramayana. If there was a lesson, then in such a time of Mahabharata, th...
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