इस दिवाली क्या किया आपने खास
इस दिवाली क्या किया आपने खास दोस्तों.... बहुत इंतजार के बाद आने वाला पंच दिवसीय महापर्व दीपावली भी ना जाने कब चुपके से चला गया पता ही नहीं चला... दिवाली क्यों मनाते हैं? आज सुबह कॉलोनी मे घुमते समय सडक पर बिखरे हुए कुछ दीये, बिखरा हुआ दियो का तेल, पिघला हुआ मोम, पटाखों का ढ़ेर सारा कचरा, दहलीज पर पर चटक रंगो की कुछ बिखरी बिखरी सी रंगोलीयो के रूप मे पिछले दिनों के celibrations की निशानियां दिखाई दे रही थी.. कपड़े और ज्वेलरी जो कि त्योहारों पर पहनने के लिए कई दिनों से तैयार की जा रही थी, वापस सहेज कर रख दी जाएंगी, मिठाइयां भी कुछ कुछ रोज खाई जाएंगी और हम सभी वापस अपने अपने रोजमर्रा के कामो मे व्यस्त हो जायेंगे.. क्यों ना आज हम एक वादा करें... त्योहार मनाने के साथ वातावरण को भी साफ सुथरा रखें। त्योहारों का मतलब है उत्साह , समाज में प्रेम प्रकट करें। बड़े बुजुर्गों के पास भी थोड़ा वक्त दें। कुछ समय जरूरतमंद लोगों की मदद करने में दें। त्योहारों में सारे गिले शिकवे भूल जाएं। त्योहारों की यह spirit सतत रखे, चेहरों पर ये खुशियाँ सदैव रखे,अपनो से मिलना-...