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जीवन को प्रेरणा देते दो प्रसंग Valentine day images in hd प्रसंग नं. 1 मासूमियत और परिस्थितयां एक घर के पास काफी दिन से एक बड़ी इमारत का काम चल रहा था। वहां रोज मजदूरों के छोटे-छोटे बच्चे एक दूसरे की शर्ट पकडकर रेल-रेल का खेल खेलते थे। रोज कोई बच्चा इंजिन बनता और बाकी बच्चे डिब्बे बनते थे... इंजिन और डिब्बे वाले बच्चे रोज बदल जाते, पर... केवल चङ्ङी पहना एक छोटा बच्चा हाथ में रखा कपड़ा घुमाते हुए रोज गार्ड बनता था। एक दिन मैंने देखा कि ... उन बच्चों को खेलते हुए रोज़ देखने वाले एक व्यक्ति ने कौतुहल से गार्ड बनने वाले बच्चे को पास बुलाकर पूछा.... "बच्चे, तुम रोज़ गार्ड बनते हो। तुम्हें कभी इंजिन, कभी डिब्बा बनने की इच्छा नहीं होती?" इस पर वो बच्चा बोला... "बाबूजी, मेरे पास पहनने के लिए कोई शर्ट नहीं है। तो मेरे पीछे वाले बच्चे मुझे कैसे पकड़ेंगे... और मेरे पीछे कौन खड़ा रहेगा....? इसीलिए मैं रोज गार्ड बनकर ही खेल में हिस्सा लेता हूँ। "ये बोलते समय मुझे उसकी आँखों में पानी दिखाई दिया। आज वो बच्चा मुझे जीवन क...