Swami vivekanand quotes in hindi
नव वर्ष में आप सभी को प्रेरणादायक सफलताएं मिलें।🙏🙏🙏
दोस्तों आज मैं स्वामी विवेकानंद जो कि महान प्रेरणा स्त्रोत है उनके कुछ विचार आपसे शेयर करने जा रहा हूं।
कर्म वही है जिसके द्वारा आत्म भाव का विकास हो और जिसके द्वारा अनात्म भाव का विकास हो वह कर्म नहीं है।
किसी से बहस करने की आवश्यकता नहीं तुम्हें जो कुछ सिखाना है सिखाओ औरों की बात में मत भूल जाओ उनको अपनी अपनी धुन में मस्त रहने दो सदैव सत्य की जीत होती है।
किसी विषय में मन को चारों और से खींचकर लगाने का नाम ही ध्यान एकाग्र करने की शक्ति आ जाने से फिर चाहे जिस विषय में मन को एकाग्र किया जा सकता है
चालाकी से कोई बड़ा काम नहीं होता प्रेम सच्चाई पर प्रीति और पराक्रम की सहायता से सारे काम से तो होते हैं 'तत्कुरूम पौरूषम' अब तो उद्योग करो।
विपरीत परिस्थितियों से हम विचलित ना हो पाए यह सीखने के बाद हमें यह भी सीखना पड़ेगा कि सुख से हम फूल ना उठे हमें अपने को मंगल आमंगल दोनों से परे समझना पड़ेगा कि जहां एक से संबंध जोड़ा दूसरा जरूर आ जाएगा।
लोहा जब तक गर्म होता है तभी उसे चोट लग सकती है सुस्ती की कोई जरूरत नहीं , सुस्ती और टालमटोल को सदा के लिए गंगा में डूबा दो कार्य क्षेत्र में महाशक्ति के साथ आ जाओ काम ,काम , काम ! बस यही मूल मंत्र है।
जब भारत का सच्चा इतिहास लिखा जाएगा तब यह सिद्ध हो जाएगा कि धर्म के विषय में और वैज्ञानिक परंपराओं व ललित कलाओं में भारत सारे विश्व का प्रथम गुरु है।
दरिद्र, मूर्ख, अज्ञानी और असहाय व्यक्ति ही तुम्हारे लिए देवी-देवता हैं, उन्हीं की सेवा को अपना परम् धर्म समझो।
मैं ना मुक्ति चाहता हूं ना भक्ति मैं महारौरव नर्क में जाने को तैयार हूं , केवल दरिद्र नारायण की सेवा करना और उसी तरह भलाई करते रहना मेरा धर्म है जिस तरह बसंत सारे संसार का भला करता है।
सत्य हर ढंग से कहा जा सकता है और फिर भी हर ढंग सच हो सकता है।
Comments
Post a Comment